बड़ौदा खुर्द और जगमड़वा डैम से छत्तीसगढ़ के किसानों की बदलेगी किस्मत, फसल उत्पादन बढ़ेगा, भूजल स्तर सुधरेगा, गांव-गांव पहुंचेगा रोजगार और पानी

कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में अब किसानों को जल संकट से राहत मिलने वाली है। यहां करोड़ों की लागत से दो बड़े जलाशयों — बड़ौदा खुर्द और जगमड़वा — का निर्माण तेजी से चल रहा है। इन बहुप्रतीक्षित सिंचाई परियोजनाओं की सौगात मिलने से क्षेत्र में खुशी की लहर है। रविवार को उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दोनों निर्माण स्थलों का दौरा कर प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बड़ौदा खुर्द जलाशय से 8 गांव होंगे लाभान्वित
89.70 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति वाली बड़ौदा खुर्द जलाशय योजना से 1980 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। 720 मीटर लंबे और 25 मीटर ऊंचे इस डैम की जलभराव क्षमता 8.4 मिलियन क्यूबिक मीटर है। इससे 8 गांवों के सैकड़ों किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी, जिससे फसल उत्पादन और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। परियोजना के लिए 31.39 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसमें 13 किसानों को मुआवजा भी निर्धारित किया जा चुका है।
जगमड़वा जलाशय से 14 गांवों को होगा सीधा लाभ
69.76 करोड़ की लागत से बन रहा जगमड़वा जलाशय 1820 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करेगा। इसकी कुल लंबाई 1070 मीटर और ऊंचाई 23.56 मीटर होगी। डुमरिया, बेलहरी, जगमड़वा, बानो, लखनपुर समेत 14 गांवों के हजारों किसान इस परियोजना से सीधे लाभान्वित होंगे। परियोजना में 20.52 किलोमीटर लंबी मुख्य नहर का निर्माण प्रस्तावित है।
कृषि के साथ मिलेगा रोजगार का भी अवसर
इन परियोजनाओं से जहां क्षेत्र में दोहरी फसल प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा, वहीं मछली पालन को भी नया आयाम मिलेगा। दोनों जलाशयों में हर साल लगभग 20 लाख रुपये का मछली पालन व्यवसाय संचालित होगा, जिससे स्थानीय मछुआ समुदाय और युवाओं को रोजगार मिलेगा।
भूजल स्तर सुधार व पेयजल संकट भी होगा दूर
डैम के निर्माण से जल संरक्षण को बल मिलेगा, जिससे भूजल स्तर में सुधार होगा। साथ ही यह पेयजल संकट को दूर करने में भी सहायक साबित होगा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि यह परियोजनाएं ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और क्षेत्रीय विकास को नई दिशा देने का कार्य करेंगी।