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अष्टसिद्धि, नव निधि के दाता है बजरंगबली, हनुमान चालीसा का ये दोहा बना देगा सारे काम

नई दिल्ली। वैसे तो हनुमान चालीसा के प्रत्येक छंद में भगवान हनुमान की दिव्य शक्तियों और उनके आशीर्वाद का उल्लेख है, लेकिन इसमें एक ऐसा दोहा है, जिसे श्रद्धा से पढ़ने मात्र से सभी प्रकार के दुख, भय, रोग और बाधाएं समाप्त हो सकती हैं। यह दोहा न केवल आपको बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करता है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और सफलता का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

हनुमान चालीसा में कुल 43 छंद होते हैं—40 चौपाइयाँ, प्रारंभ में दो दोहे और अंत में एक समापन दोहा। यदि हनुमान चालीसा को समझकर सच्ची भक्ति और श्रद्धा से पढ़ा जाए, तो हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

शनि देव ने भी दिया था आशीर्वाद

हनुमान जी को स्वयं शनिदेव ने यह वरदान दिया था कि जो भी उनकी शरण में रहेगा, उसे कभी कोई कष्ट नहीं होगा। साहस, बल, भक्ति और सेवा के प्रतीक हनुमान जी अपने भक्तों को हर संकट से उबारने में सक्षम हैं।

माता सीता से मिला सिद्धियों और निधियों का वरदान

हनुमान चालीसा के एक छंद में उल्लेख है कि माता सीता ने हनुमान जी को अष्ट सिद्धि (आठ प्रकार की सिद्धियाँ) और नव निधि (नौ प्रकार के वैभव) प्रदान किए थे। यही कारण है कि मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस पाठ से न केवल भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, बल्कि रोग और शत्रु भी निकट नहीं आते।

अगर पूरा पाठ संभव न हो तो बस ये दोहा पढ़िए

यदि समयाभाव के कारण आप पूरी हनुमान चालीसा नहीं पढ़ सकते, तो कम से कम इसका यह दोहा अवश्य पढ़ें:

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिकै, सुमिरौं पवनकुमार।
बल बुधि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस विकार।।

इस दोहे का भावार्थ:

“मैं अपने गुरु के चरणों की रज से अपने मन रूपी दर्पण को स्वच्छ करता हूं और रघुकुल के शिरोमणि श्रीराम के निर्मल यश का वर्णन करता हूं, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष — चारों फलों को देने वाला है। मैं स्वयं को बुद्धिहीन समझते हुए पवनपुत्र हनुमान का स्मरण करता हूं कि वे मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करें तथा मेरे सारे कष्टों और दोषों का नाश करें।”

क्या मांग लिया इस दोहे में?

  • बल: जिससे आप हर संकट से निडर होकर मुकाबला कर सकें
  • बुद्धि और विद्या: जिससे आप जीवन की जटिलताओं को समझकर हल कर सकें
  • कष्टों और विकारों से मुक्ति: जिससे जीवन सुखमय और शांतिपूर्ण हो

यदि ये सभी वरदान किसी को प्राप्त हो जाएं, तो जीवन में कोई भी बाधा स्थायी नहीं रह सकती।

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Manish Tiwari

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