Arun Saw’s directive before Diwali: नगरीय कर्मचारियों के वेतन और लंबित परियोजनाओं की समीक्षा, अधिकारियों को त्वरित कार्यान्वयन के आदेश

रायपुर। उप मुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन व विकास मंत्री अरुण साव ने दीपावली से पहले सभी नगरीय निकाय कर्मचारियों के वेतन भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, नवा रायपुर के विश्राम भवन में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने नगरीय विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस., संयुक्त सचिव डॉ. रेणुका श्रीवास्तव, सूडा के सीईओ शशांक पाण्डेय सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
पर्यावरण संरक्षण और गोधाम योजना पर जोर
उप मुख्यमंत्री ने गोधाम योजना के लिए कार्ययोजना को अंतिम रूप देने और पर्यावरण संरक्षण के लिए हरित आवरण बढ़ाने हेतु समग्र योजना तैयार करने का निर्देश दिया। इसके लिए राज्य प्रवर्तित योजना के तहत धनराशि आवंटन और निगरानी के लिए राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश भी दिया।
लंबित विद्युत बिलों पर सख्ती और प्रशिक्षण
नगरीय निकायों के लंबित विद्युत बिलों की समीक्षा के दौरान साव ने एनर्जी बिल ऑडिट और सुझावों के त्वरित क्रियान्वयन पर जोर दिया। सरचार्ज और अतिरिक्त आर्थिक नुकसान रोकने के लिए निकायों के सीएमओ, लेखापाल और अभियंताओं के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के निर्देश दिए।
नवगठित निकायों को वित्तीय सहायता
नवीन नगरीय निकायों के लिए आधारभूत सुविधाओं हेतु अधोसंरचना मद, चुंगी कर या अन्य स्रोतों से राशि स्वीकृत करने का निर्देश दिया। साव ने नालंदा परिसर, अटल परिसर और अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर त्वरित कार्यान्वयन के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
भर्ती, पदोन्नति और जलप्रदाय योजनाओं पर चर्चा
बैठक में अधिकारियों-कर्मचारियों की पदोन्नति, रिक्त पदों पर भर्ती और सेट-अप रिवीजन पर विस्तृत चर्चा हुई। उप अभियंताओं की भर्ती के लिए वित्त विभाग से समन्वय का निर्देश दिया गया। इसके अलावा, 21 स्वीकृत जलप्रदाय योजनाओं और एसटीपी निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई, जिसमें डीपीआर और आरएफपी कार्य शीघ्र पूर्ण करने को कहा गया। मिशन अमृत 2.0 के कार्यों की भी निकायवार समीक्षा हुई।
संपत्ति और सार्वजनिक सुविधाओं की निगरानी
साव ने नगरीय निकायों की चल-अचल संपत्ति, मशीनरी और वाहनों का ऑडिट कर स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया। व्यावसायिक परिसरों और दुकानों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। साथ ही, मुक्तिधामों में शवदाह के लिए शेड, प्रतीक्षालय, पेयजल, गार्ड कक्ष और बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए राज्य प्रवर्तित योजना से राशि आवंटन का आदेश दिया।