वैश्विक तकनीकी खराबी से एयरपोर्ट सिस्टम ठप: भारत में चेक-इन प्रभावित, सैकड़ों उड़ानें देर से; इंडिगो पर सबसे बड़ा असर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बुधवार सुबह माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सिस्टम में आई भारी तकनीकी खराबी ने दुनिया भर के एयरपोर्ट्स की आईटी सेवाओं को ठप कर दिया। चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम प्रभावित होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कई एयरलाइंस को मैनुअल चेक-इन करना पड़ा, जिसके चलते न सिर्फ लंबी कतारें लगीं बल्कि उड़ानों में भी काफी देरी हुई।
भारत में सबसे बड़ा असर—वाराणसी एयरपोर्ट ठप
भारत में कई एयरपोर्ट इस आउटेज से प्रभावित हुए, लेकिन वाराणसी हवाई अड्डा सबसे ज्यादा प्रभावित रहा।
यहां सूचना बोर्ड पर जारी नोटिस में लिखा गया—
“माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ने वैश्विक स्तर पर बड़ी सेवा रुकावटों की रिपोर्ट दी है। हवाई अड्डों पर आईटी सेवाएं/चेक इन सिस्टम प्रभावित हुए हैं।”
इस तकनीकी समस्या का सीधा असर इंडिगो, स्पाइसजेट, अकासा एयर और एअर इंडिया एक्सप्रेस जैसी एयरलाइंस की उड़ानों पर पड़ा। कई फ्लाइट्स में देरी हुई और कुछ यात्रियों ने इंतजार से तंग आकर अपने टिकट कैंसिल तक कर दिए।
फ्लाइट्स में देरी—यात्रियों की परेशानी बढ़ी
वाराणसी से चंडीगढ़ जाने वाली इंडिगो की कनेक्टिंग फ्लाइट, जो 3:55 बजे उड़ान भरने वाली थी, सवा घंटे की देरी से रवाना हुई।
चेक-इन सिस्टम बंद होने के कारण बड़े पैमाने पर यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ा।
चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर भी असर
चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर भी आउटेज की वजह से कई फ्लाइट्स देर से चलीं।
चेक-इन और बैगेज ड्रॉप की प्रक्रियाएं धीमी होने से यात्रियों को खासा संघर्ष करना पड़ा।
हालांकि सही आंकड़ा सामने नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि दर्जनों उड़ानें प्रभावित हुईं।
इंडिगो की उड़ान सेवाएं चरमराईं
तकनीकी खराबी से सबसे बड़ा झटका इंडिगो एयरलाइंस को लगा।
- मंगलवार को एयरलाइन की केवल 35% उड़ानें ही समय पर संचालित हुईं।
- बुधवार दोपहर तक दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु समेत विभिन्न हवाई अड्डों पर करीब 200 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
इंडिगो पहले से ही
- नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियमों
- और पायलटों की कमी
से जूझ रही है।
हवाईअड्डों के अधिकारियों के अनुसार, कुछ विमानों को इसलिए रद्द करना पड़ा क्योंकि केबिन क्रू उपलब्ध ही नहीं था।
एयरलाइंस पर दोहरा दबाव
तकनीकी आउटेज के साथ-साथ क्रू की कमी ने एयरलाइंस की परेशानी को दोगुना कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, इंडिगो अपने क्रू को विभिन्न बेस पर शिफ्ट कर रही है, लेकिन कमी इतनी गंभीर है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है।
निष्कर्ष
माइक्रोसॉफ्ट सिस्टम में आई इस वैश्विक खराबी ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि एयरलाइंस और एयरपोर्ट सिस्टम टेक्नोलॉजी पर कितने निर्भर हैं।
आउटेज की वजह से भारत समेत दुनिया भर में यात्रियों को घंटों इंतजार और यात्रा योजनाओं में बदलाव का सामना करना पड़ा। तकनीकी सुधार और बैकअप सिस्टम की जरूरत अब और भी जरूरी हो गई है।



