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17 साल बाद मालेगांव ब्लास्ट केस में आया बड़ा फैसला! साध्वी प्रज्ञा समेत सभी 7 आरोपी बरी, CM साय बोले- “सत्यमेव जयते”

रायपुर/मुंबई, 31 जुलाई 2025।
मालेगांव ब्लास्ट केस में करीब 17 साल बाद आज विशेष एनआईए अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने इस बहुचर्चित मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में विफल रहा और किसी भी व्यक्ति को संदेह के लाभ के आधार पर बरी किया जा सकता है।

📌 क्या कहा कोर्ट ने?

29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए विस्फोट में 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस मामले में 17 साल की सुनवाई के बाद विशेष अदालत के जज ए.के. लाहोटी ने फैसला सुनाते हुए कहा:

“अदालत सिर्फ धारणा और नैतिक तर्कों पर नहीं, बल्कि ठोस सबूतों के आधार पर किसी को दोषी ठहरा सकती है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता क्योंकि कोई भी धर्म हिंसा की वकालत नहीं करता।”

🔸 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रतिक्रिया

फैसले के बाद देशभर में राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने आधिकारिक ‘X’ (पूर्व Twitter) अकाउंट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा:

“न हिन्दुः पतितो भवेत्। सत्यमेव जयते।”
(अर्थात् – कोई हिन्दू पतित नहीं होता, सत्य की सदा विजय होती है।)

👥 ये थे मामले के मुख्य आरोपी:

  1. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (पूर्व भाजपा सांसद)
  2. लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित
  3. रमेश उपाध्याय
  4. अजय राहिरकर
  5. सुधाकर चतुर्वेदी
  6. समीर कुलकर्णी
  7. सुधाकर धर द्विवेदी

📌 पृष्ठभूमि:

मालेगांव विस्फोट एक हाई-प्रोफाइल आतंकी हमला था, जिसमें शुरुआती जांच में हिंदू अतिवाद का नाम सामने आया था। बाद में इस केस को एनआईए को सौंपा गया। सुनवाई के दौरान कई गवाह अपने बयान से पलट भी गए।


👉 फैसले के बाद एक ओर जहां आरोपी पक्ष में संतोष और राहत की भावना है, वहीं कई राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने फैसले की समीक्षा की मांग की है। आने वाले दिनों में इस फैसले पर उच्च अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

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Manish Tiwari

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