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सिकल सेल मुक्त छत्तीसगढ़ की ओर बड़ा कदम: आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में 19 जून को जनजागरूकता और इलाज का महाअभियान

रायपुर 16 जून 2025/ विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस के उपलक्ष्य में आगामी बुधवार को छत्तीसगढ़ के समस्त आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में विशेष आरोग्य मेला का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन सिकल सेल एनीमिया जैसी गंभीर और आनुवंशिक रोग के प्रति आमजन में जागरूकता लाने, समय पर जांच और उपचार सुनिश्चित करने तथा इस रोग को लेकर समाज में फैली भ्रांतियों और सामाजिक भेदभाव को दूर करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

गौरतलब है कि विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस प्रतिवर्ष 19 जून को मनाया जाता है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मान्यता प्राप्त है। छत्तीसगढ़ उन राज्यों में शामिल है जहां यह रोग अपेक्षाकृत अधिक देखा गया है, विशेषकर जनजाति बहुल क्षेत्रों और दूरस्थ अंचलों में इसकी व्यापकता अधिक है। इस दृष्टि से यह आयोजन राज्य के लिए विशेष महत्व रखता है।

जनहित में आयोजित होंगे व्यापक स्वास्थ्य परीक्षण और जागरूकता कार्यक्रम
मेलों में आने वाले नागरिकों को सिकल सेल रोग के लक्षणों, कारणों और निदान की संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के अंतर्गत निःशुल्क स्क्रीनिंग शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें संदिग्ध मरीजों की जांच कर पहले से स्क्रीनिंग किये जा चुके लोगों को सिकलसेल जेनेटिक कार्ड प्रदान किए जाएंगे। इस कार्ड के माध्यम से भविष्य में रोग प्रबंधन और चिकित्सकीय पंजीयन की प्रक्रिया सरल हो सकेगी। साथ ही, जिन व्यक्तियों में सिकल सेल रोग की पुष्टि होगी, उन्हें हाइड्रॉक्सी यूरिया औषधि निःशुल्क प्रदान की जाएगी। यह औषधि सिकल सेल रोग के प्रबंधन में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है और रोगियों को लंबे समय तक राहत देने में सक्षम है। इसके साथ ही, दवा की नियमितता, सावधानियों और जीवनशैली में आवश्यक बदलावों के बारे में परामर्श भी दिया जाएगा।

समाज में भ्रांतियों के विरुद्ध होगा संवाद का आयोजन
जनजागरूकता बढ़ाने की दृष्टि से इन मेलों में संवादात्मक चर्चाओं और प्रश्नोत्तर सत्रों का भी आयोजन किया जाएगा। इन सत्रों में विशेषज्ञ चिकित्सक सिकल सेल को लेकर आमजन के बीच प्रचलित भ्रांतियों, मिथकों और सामाजिक भेदभाव की भावना को दूर करने का प्रयास करेंगे। साथ ही यह स्पष्ट किया जाएगा कि सिकल सेल एक आनुवंशिक रोग है, न कि संक्रामक, और इसके रोगियों को समाज की समान सहानुभूति और सहयोग की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी आरोग्य मंदिरों को इस आयोजन की व्यवस्थित रूपरेखा बनाने, प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने निर्देश भी जारी किए गए हैं। विभागीय स्तर पर आयोजन की प्रगति की सतत निगरानी की जाएगी। प्रदेश सरकार इस आयोजन को केवल एक स्वास्थ्य शिविर के रूप में नहीं देख रही, बल्कि यह राज्य में सामाजिक सहभागिता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और स्वास्थ्य के प्रति जिम्मेदारी विकसित करने का अवसर भी है। शासन का मानना है कि किसी भी स्वास्थ्य अभियान की सफलता तब ही संभव है जब उसमें जनभागीदारी, जागरूकता और सहयोग को प्राथमिकता दी जाए।

इसी उद्देश्य से आम नागरिकों से आग्रह किया गया है कि वे 18 जून को अपने नजदीकी आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पहुंचें, निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लें और अपने परिवार व समुदाय को भी इस अभियान से जोड़ें।

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Manish Tiwari

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