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CM विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के संबंध में की चर्चा

🔸 दोनों परियोजनाओं से लगभग 7 लाख हेक्टेयर भूमि में हो सकेगी सिंचाई
🔸 बस्तर के चहुमुखी विकास के लिए अहम साबित होगी परियोजना

रायपुर, 07 जून 2025/

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहुउद्देशीय बोधघाट बांध परियोजना और इंद्रावती-महानदी इंटरलिंकिंग परियोजना के राष्ट्रीय परियोजना के रूप में निर्माण के संबंध में विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग लंबे समय से नक्सल प्रभावित रहा है, जिसकी वजह से संभाग सिंचाई साधनों के विकास में पिछड़ गया। इस समस्या के समाधान और चहुमुखी विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार इन दोनों परियोजनाओं पर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए बोधघाट बहुउद्देशीय बांध परियोजना एक निर्णायक परियोजना साबित होगी। यह परियोजना लंबे समय से इन्द्रावती नदी पर प्रस्तावित है, जो गोदावरी नदी की बड़ी सहायक नदी है। गोदावरी जल विवाद अभिकरण के वर्ष 1980 के अवॉर्ड में भी इस परियोजना का उल्लेख है। हालांकि, दूरस्थ अंचल में होने एवं नक्सल समस्या के कारण यह परियोजना प्रारंभ नहीं हो सकी थी।


🌾 बस्तर के विकास की रफ्तार होगी डबल

बोधघाट परियोजना से:

125 मेगावाट विद्युत उत्पादन
4824 टन वार्षिक मत्स्य उत्पादन
3,78,475 हेक्टेयर में खरीफ व रबी की सिंचाई
49 मि.घ.मी पेयजल उपलब्धता

इंद्रावती-महानदी परियोजना से:

कांकेर जिले की 50,000 हेक्टेयर भूमि सहित
कुल 3,00,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि में सिंचाई

👉 ये दोनों परियोजनाएं बस्तर को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होंगी।


💧 क्या है बोधघाट बांध परियोजना?

यह परियोजना इन्द्रावती नदी (गोदावरी की सहायक) पर प्रस्तावित है। यह नदी 264 कि.मी. तक छत्तीसगढ़ में बहती है। बांध दंतेवाड़ा जिले, गीदम विकासखंड के ग्राम बारसूर से 8 कि.मी. तथा जगदलपुर शहर से 100 कि.मी. दूर स्थित है।


🏗️ परियोजना की विशेषताएं

💰 अनुमानित लागत:49,000 करोड़
🔹 इंद्रावती-महानदी लिंक: ₹20,000 करोड़
🔹 बोधघाट बांध परियोजना: ₹29,000 करोड़

🔧 शामिल कार्य:
हाइड्रोपावर इलेक्ट्रोमैकेनिकल कार्य
सिविल कार्य (सिंचाई)

💧 जल भराव क्षमता:
• उपयोगी: 2009 मि.घ.मी
• कुल: 2727 मि.घ.मी
10440 हेक्टेयर सतही क्षेत्रफल


📍 इन जिलों को होगा लाभ

🔸 बोधघाट परियोजना से – दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा के 269 गांव
🔸 इंद्रावती-महानदी परियोजना से – कांकेर जिले के अनेक गांव

👉 दोनों परियोजनाएं बस्तर संभाग को विकसित, आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने में मील का पत्थर साबित होंगी।

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Manish Tiwari

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