डिजिटल नंबर प्लेट लगाने का था प्लान:आधे शहर के लोग घर बैठे नामांतरण और टैक्स नहीं दे पा रहे, क्योंकि डिजिटल नंबर प्लेट नहीं
शहर की आधी आबादी न तो घर बैठे प्रॉपर्टी टैक्स अदा कर पा रही है और न ही नामांतरण की अर्जी दे रही। नियमितीकरण हो या मकान का नक्शा स्वीकृत कराने का आवेदन, हर काम के लिए निगम या संबंधित एजेंसी के दफ्तर जाना पड़ रहा है। निगम अभी आधे शहर में ही मकानों के बाहर डिजिटल नंबर प्लेट लगा सकी है। डिजिटल नंबर प्लेट से 26 तरह की ऑनलाइन सुविधाएं शुरू होनी थी। नंबर प्लेट नहीं लगी इस वजह से लोगों को सुविधा नहीं मिल रही।
हालांकि निगम ने छह महीने पहले प्रोजेक्ट लांच करते हुए इसे मार्च के पहले तक पूरा करने का दावा किया था। ताकि लोग घर बैठे ही ऑनलाइन सिस्टम से प्रापर्टी टैक्स अदा करने के साथ अन्य काम कर सकें। नंबर प्लेट लगाने की अभी जो रफ्तार है, उसके आधार पर अफसर ही कह रहे हैं कि हर घर के बाहर डिटिटल नंबर प्लेट लगाने में अभी तीन से चार महीने लगेंगे।
उसके बाद ही लोगों को 26 तरह की सुविधाएं घर बैठे मिल सकेंगी। घरों के बाहर डिजिटल नंबर प्लेट लगाने की योजना नगर निगम ने करीब छह महीने पहले शुरू की थी। रायपुर कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सितंबर 2022 में देवेंद्र नगर से योजना शुरू की थी। उसी समय शहर के सभी 70 वार्ड के 3.15 लाख घरों में नंबर प्लेट लगाने की टाइमलाइन तय की गई थी। इसके बावजूद अब तक आधे वार्डों में ही प्लेटें लग पाई हैं।
दीवारों में तोड़फोड़, स्क्रू तक नहीं लग रहे
एजेंसी के कर्मचारी घर-घर डिजिटल नंबर प्लेट लगाने के दौरान दीवारों में तोड़फोड़ कर रहे हैं। इससे दीवारें खराब हो रही हैं। नंबर प्लेट इतनी हड़बड़ी में लगा रहे हैं स्क्रू तक ठीक से टाइट नहीं कर रहे हैं। इस वजह से कुछ दिनों में प्लेट निकलती जा रही है। निगम अफसरों ने भी स्वीकार किया है कि पूर्व में शिकायतें आ रही थी कि कर्मचारी हड़बड़ी में प्लेट लगा रहे हैं। इसमें सुधार के निर्देश दिए गए हैं। घर वालों की अनुमति और उचित जगह देखकर ही घर के सामने डिजिटल प्लेटें लगाने को कहा गया है। इस वजह से थोड़ा समय लग रहा है। अगले दो-तीन महीने में सभी घरों में प्लेट लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
कई तरह के फीचर्स जोड़े जा रहे
डिजिटल नंबर प्लेट में प्रापर्टी टैक्स के अलावा नए-नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं। उनकी मदद से विभिन्न तरह के आवेदन किए जा सकते हैं। निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि बार कोड स्कैन कर टैक्स भुगतान की सुविधा भी शुरू कर दी गई है। लोग नए फीचर्स का भी उपयोग करने लगे हैं। इस दौरान जो तकनीकी दिक्कत आ रही है
उसमें लगातार सुधार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में लोगों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिलेगी, ताकि किसी भी तरह के काम के लिए उन्हें निगम दफ्तर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बारकोड स्कैन करते ही मिलेगा प्रापर्टी का डिटेल
नंबर प्लेट में बारकोड होगा। इसे स्कैन करते ही प्रापर्टी और मालिक की पूरी जानकारी मिल जाएगी। इसी में विभिन्न तरह के आवेदन के लिए विकल्प मिलेंगे और उन्हें ऑनलाइन आसानी से पूरा किया जा सकेगा। इसके लिए इंडसइंड बैंक व रायपुर स्मार्ट सिटी के बीच पिछले साल 25 जून 2022 को करार हुआ था। उसके बाद सितंबर 2022 से प्लेट लगाने का काम शुरू कर दिया गया।