Chhattisgarh

रायपुर, भिलाई और बिलासपुर के अलावा रायगढ़ में भी दबिश:अफसर और कारोबारियों समेत आधा दर्जन लोगों पर ईडी ने की छापेमारी

केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में एक बार फिर दर्जनभर ठिकानों पर छापेमारी की है। इस कार्रवाई में बड़े कारोबारी-उद्योगपति कमल सारडा, एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर, जमीन कारोबारी सुरेश बांदे, सीए प्रतीक जैन तथा कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल के दफ्तर को दायरे में लिया गया है।

रायपुर, भिलाई, बिलासपुर तथा रायगढ़ में इन लोगों से संबंधित निवास-व्यावसायिक परिसरों पर सीआरपीएफ तैनात दिखी, लेकिन ईडी ने कोई अधिकृत बयान जारी नहीं किया है। सुबह महासमुंद विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर के यहां भी छापों की खबर फैली, लेकिन बाद में उन्होंने सामने आकर खंडन किया है। छत्तीसगढ़ में अब तक कोल परिवहन केस में ही ईडी ने छापेमारी की है, इसलिए इन छापों को उसी से जोड़ा जा रहा है।

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हालांकि किसी बात की ईडी ने पुष्टि नहीं की है। ईडी की टीम रायपुर में आफिसर्स कालोनी और बाहर के कई निवास स्थानों पर मंगलवार को सुबह 6 बजे धावा बोला। बिलासपुर में भी भारतीय नगर के पास एक कारोबारी के निवास पर ईडी की टीम और सीआरपीेफ तैनात नजर आई। यहीं निहारिका इलाके में फर्म ब्लैक स्मिथ के दफ्तर को भी फोर्स ने घेर रखा है।

सभी जगह खामोशी से जांच चल रही है। कांग्रेस नेताओं के यहां छापेमारी पर कांग्रेसी विरोध करने पहुंच रहे थे, लेकिन मंगलवार को पड़े छापे के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहीं भी प्रदर्शन नहीं किया है। मिली सूचनाओं के मुताबिक एक दर्जन से ज्यादा परिसरों में ईडी की टीम रात तक दस्तावेज खंगालने और जांच पड़ताल में लगी रही।

कोल परिवहन केस में ईडी कारोबारियों के साथ-साथ कई कांग्रेस नेताओं के यहां भी छापे मार चुकी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से ठीक पहले हुई छापेमारी का यहां विरोध भी हुआ था। जिन नेताओं के यहां छापे पड़े, उन्हें कई बार ईडी बयान के लिए अपने दफ्तर में बुला चुकी है। इन नेताओं ने खुद इसकी पुष्टि की थी। मंगलवार के छापों में ईडी को संबंधित परिसरों से क्या मिला, इस बारे में भी एजेंसी चुप्पी साधे हुए है।

कोल परिवहन केस में अभी आईएएस समेत 9 जेल में
ईडी ने कोल परिवहन केस में छत्तीसगढ़ में अक्टूबर 2022 से छापेमारी शुरू की है। पहले छापे 40 ठिकानों पर पड़े, जिसमें 4 करोड़ कैश, करोड़ों की संपत्ति और दस्तावेज बरामद किए गए थे। इस मामले में आईएएस समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, वकील-कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी, सूर्यकांत तिवारी और उपसचिव सौम्या चौरसिया के अलावा दो खनिज अफसर भी जेल में हैं।

छापे भाजपा नेताओं के इशारे पर : भूपेश
सीएम भूपेश बघेल ने कई नेताओं, अफसरों और कारोबारियों पर ईडी के छापों के बाद मंगलवार को कहा कि पूरी कार्रवाई भाजपा नेताओं के इशारे पर हो रही है। ऐसा कोई वर्ग नहीं बचा, जहां ईडी ने छापे नहीं मारे हों। आखिर नान और चिटफंड घोटाले जैसे मामलों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? लखनऊ रवाना हाेने से पहले सीएम ने रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से कहा कि केवल बीजेपी शासित राज्यों में ईडी कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसा लगता है कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक में ईडी का दफ्तर ही नहीं है। महाराष्ट्र में जब तक उद्धव सरकार थी तब तक ईडी और सीबीआई जैसी सेंट्रल एजेंसियां सक्रिय थीं।

जैसे ही सरकार बदली और खरीद-फरोख्त की गई, उसके बाद से ईडी का वहां कोई काम नहीं रह गया। उन्होंने पूछा कि हिंडनबर्ग के आधार पर अडानी जिनकी संपत्ति में 60 फीसदी की कमी आ गई है, ईडी आखिर वहां जाकर छापे क्यों नहीं मारती?

Manish Tiwari

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