साय सरकार के दो साल: सिंचाई में बड़ा विस्तार, 25 हजार हेक्टेयर बढ़ी क्षमता, 14 नई बड़ी परियोजनाओं को हरी झंडी

रायपुर, 17 दिसंबर 2025।विष्णु देव साय सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल में जल संसाधन विभाग ने उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं। बीते दो साल में प्रदेश की सिंचाई क्षमता में 25,000 हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जिससे कुल विकसित सिंचाई क्षमता 21.76 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है। इसके साथ ही 14 नई बड़ी सिंचाई परियोजनाओं को सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है, जिनसे भविष्य में लगभग 1 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी।
जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो ने बताया कि विभाग का उद्देश्य केवल सिंचाई क्षमता बढ़ाना नहीं, बल्कि जल संसाधनों का संरक्षण, संवर्धन, बाढ़ नियंत्रण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने की योजनाएं बनाना भी है। सरकार ने 2047 तक जल भंडारण क्षमता को 7,900 MCM से बढ़ाकर 16,000 MCM करने का लक्ष्य तय किया है।
जल संरक्षण में राष्ट्रीय पहचान
जल शक्ति अभियान “कैच द रेन” के तहत छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार में उत्कृष्ट राज्य शासन का द्वितीय पुरस्कार मिला। नगरीय निकाय श्रेणी में रायपुर नगर निगम को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। बालोद, राजनांदगांव, रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, गरियाबंद, बिलासपुर और रायगढ़ को भी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया।
योजनाएं, निवेश और लक्ष्य
- 477 योजनाओं के लिए ₹1874.87 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति।
- विशेष केंद्रीय सहायता के तहत ₹896 करोड़ की राशि प्राप्त।
- 2024–25 में खरीफ-रबी के लिए लक्ष्य का 87.82% सिंचाई।
- लंबित मुआवजा भुगतान हेतु ₹500 करोड़ से अधिक का निपटान।
- DRIP-3 के तहत 9 बांधों के सुदृढ़ीकरण के लिए ₹536 करोड़ स्वीकृत।
बस्तर और आदिवासी क्षेत्रों पर फोकस
जगदलपुर में मुख्य अभियंता कार्यालय शुरू हुआ, कुनकुरी में नए अनुविभागीय व कार्यपालन अभियंता कार्यालय स्थापित किए गए। वर्षों से लंबित 115 सिंचाई योजनाएं अटल सिंचाई योजना के तहत पूरी की जा रही हैं।
आने की राह
सरकार नदियों को जोड़ने, वर्षा जल के उपयोग और नई परियोजनाओं के सर्वेक्षण पर काम कर रही है। बोधघाट बहुद्देशीय परियोजना और कोवई–हसदेव नदी लिंक का सर्वे जारी है।
कुल मिलाकर, साय सरकार के दो साल में जल संसाधन प्रबंधन, सिंचाई विस्तार और जल संरक्षण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने मजबूत आधार तैयार किया है, जिसका लाभ किसानों और आम नागरिकों को आने वाले वर्षों में मिलेगा।



