
नई दिल्ली। दिल्ली-NCR में गंभीर होते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर ट्रैफिक जाम और उससे बढ़ते उत्सर्जन को देखते हुए NHAI और MCD को नौ टोल प्लाजा को अस्थायी रूप से बंद करने या दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार करने का निर्देश दिया है। अदालत ने इसे हर साल लौटने वाली समस्या बताते हुए व्यावहारिक और प्रभावी समाधान अपनाने पर जोर दिया।
CJI सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने MCD को एक सप्ताह के भीतर फैसला लेने को कहा है कि क्या टोल प्लाजा अस्थायी रूप से बंद कर ट्रैफिक प्रवाह सुधारा जा सकता है। वहीं, प्रदूषण प्रतिबंधों से प्रभावित निर्माण श्रमिकों के लिए दिल्ली सरकार को तत्काल सत्यापन कर सीधे बैंक खातों में वित्तीय सहायता ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया है।
अदालत ने यह भी चेतावनी दी कि सहायता राशि में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर प्रभावित श्रमिकों को वैकल्पिक रोजगार पर विचार किया जाए। CAQM को लंबी अवधि की रणनीतियों पर पुनर्विचार करने, शहरी गतिशीलता, ट्रैफिक मैनेजमेंट और पराली जलाने पर रोक के लिए प्रोत्साहन जैसे कदम मजबूत करने को कहा गया है।
नर्सरी से कक्षा 5 तक स्कूल बंद रखने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि सर्दियों की छुट्टियां नजदीक हैं। मामले में आगे की सुनवाई 6 जनवरी को होगी।



