बेमतलब बोल, जबरदस्त वाइब: ‘Fa9la’ से ‘कोलावेरी डी’ तक, कैसे बिना मतलब के गानों ने भारतीय सिनेमा में मचाया तहलका

एंटरटेनमेंट डेस्क, नई दिल्ली। आज भले ही प्लेलिस्ट, रील्स और एल्गोरिदम म्यूजिक ट्रेंड तय करते हों, लेकिन इन सबसे पहले भी भारतीय सिनेमा ऐसे गानों के साथ खूब प्रयोग कर चुका है, जिनके बोल का कोई सीधा-सादा मतलब नहीं होता था, फिर भी वे दर्शकों के दिल-दिमाग पर छा जाते थे। हालिया उदाहरण फिल्म धुरंधर का गाना ‘Fa9la’ है, जिसने अपने स्वैग से भरे बीट्स, अजीब लेकिन आकर्षक शब्दों और दमदार प्रेजेंटेशन के दम पर इंटरनेट पर धूम मचा दी है।
इस गाने में अक्षय खन्ना का इंटेंस और खतरनाक अवतार देखने को मिलता है। हिप-हॉप बीट्स और पारंपरिक खलीजी अंदाज का मेल यह साबित करता है कि कई बार गाने का मूड और वाइब, उसके शब्दों के मतलब से कहीं ज्यादा असरदार होते हैं। बताया जाता है कि ‘Fa9la’ शब्द का अर्थ मज़े या पार्टी के समय से जुड़ा है, जो इसके जश्न वाले माहौल से पूरी तरह मेल खाता है। खास बात यह है कि इस गाने के लिए अक्षय खन्ना ने खुद अपनी कोरियोग्राफी तैयार की थी।
विलेन की एंट्री और बेमतलब बोलों का जादू
2023 के आखिर में रिलीज हुआ एनिमल फिल्म का गाना ‘जमाल कुडू’ भी इसी कड़ी का हिस्सा है। फिल्म में विलेन अबरार की एंट्री के साथ यह गाना तुरंत हिट हो गया। यह 1950 के दशक के ईरानी लोकगीत ‘जमाल जमालू’ से प्रेरित है। बॉबी देओल का अनोखा डांस स्टाइल और गाने की रहस्यमयी धुन ने इसे वायरल बना दिया।
‘कोलावेरी डी’ ने बदला वायरल फेम का मतलब
2011 में आया ‘Why This Kolaveri Di’ भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री में एक मील का पत्थर साबित हुआ। तमिल और अंग्रेजी के आसान मिश्रण वाले इस गाने ने यह दिखा दिया कि सादगी और मज़ाकिया अंदाज भी ग्लोबल हिट बन सकता है। यह YouTube पर 100 मिलियन व्यूज पार करने वाला पहला भारतीय वीडियो बना।
गोल्डन एरा से चली आ रही परंपरा
अगर पीछे मुड़कर देखें तो 1950 के दशक में भी ऐसे प्रयोग हो चुके थे। ‘मेरा नाम चिन चिन चू’ ने हेलेन को कैबरे क्वीन बनाया, जबकि किशोर कुमार का ‘ईना मीना डीका’ बेमतलब बोलों और हाई-एनर्जी वाइब का क्लासिक उदाहरण है। इन गानों ने साबित किया कि शब्दों से ज्यादा अहमियत म्यूजिक, परफॉर्मेंस और फील की होती है।
कुल मिलाकर, ‘Fa9la’ से लेकर ‘ईना मीना डीका’ तक की यह यात्रा बताती है कि भारतीय सिनेमा में बेमतलब बोल कोई नई चीज नहीं हैं। समय बदला है, लेकिन दर्शकों को रोमांचित करने वाला यह फॉर्मूला आज भी उतना ही असरदार है।



