गरियाबंद जिला जल संचय और जनभागीदारी में देश में तीसरे स्थान पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने किया सम्मानित, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दी बधाई, जिले को मिला एक करोड़ रुपए का राष्ट्रीय पुरस्कार

रायपुर, 18 नवंबर 2025। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले ने जल संचय और जन भागीदारी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। इस उपलब्धि के लिए दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जिले के कलेक्टर बी एस उइके को सम्मानित किया।
इस राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत गरियाबंद जिले को विभिन्न विकास कार्यों के लिए एक करोड़ रुपए की राशि भी मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जिले को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, जल शक्ति एवं रेल मंत्रालय के राज्यमंत्री वी. सोमन्ना और जल शक्ति मंत्रालय के राज्यमंत्री राज भूषण चौधरी भी उपस्थित थे।
गरियाबंद जिले को यह पुरस्कार जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रतियोगिता में विभिन्न चरणों के निरीक्षण, पर्यवेक्षण और मूल्यांकन के बाद ईस्ट जोन का तीसरा सर्वश्रेष्ठ जिला चुने जाने के कारण मिला। जिले में 26,025 सतही जल संरचनाओं के रख-रखाव और जनभागीदारी के क्षेत्र में किए गए प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
जिले में जल स्तर में गिरावट को रोकने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए “कैच द रेन, मोर गांव मोर पानी” अभियान और “मिशन जल रक्षा – नारी शक्ति” जैसी पहलों की शुरुआत की गई। भू-जल रिचार्ज के लिए तकनीकी नवाचार जैसे सॉफ्ट बोरवेल एवं सैंड फिल्टर तकनीक, इंजेक्शन वेल, परकुलेशन टैंक और जीआईएस आधारित योजना निर्माण किए गए।
इस उपलब्धि में जिले के नागरिकों, महिलाओं, स्वयंसेवी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राष्ट्रीय स्तर पर मिले इस सम्मान ने गरियाबंद और पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया है।



