छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य प्रतियोगिता में झूमेगा सकेत गांव, स्थापना दिवस पर होगा भव्य आयोजन – धरमलाल कौशिक, अनिला देवेंद्र राजपूत, चितरेखा जांगड़े समेत कई अतिथि रहेंगे शामिल

मुंगेली। छत्तीसगढ़ राज्य के 25वें स्थापना दिवस और एकादशी के पावन अवसर पर ग्राम पंचायत सकेत में 3 नवम्बर (सोमवार) को छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम ग्राम पंचायत सकेत एवं समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित होगा। प्रतियोगिता सुबह 10 बजे से स्याम गौठान के पास प्रारंभ होगी।
विविध लोकनृत्य विधाओं में होगा मुकाबला
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक लोकनृत्य शैलियाँ — सुवा नृत्य, राऊत नाचा, कर्मा नृत्य, पंथी नृत्य और डंडा नृत्य — की प्रतियोगिताएँ रखी गई हैं। प्रत्येक दल में कम से कम 8 और अधिकतम 15 सदस्य अनिवार्य होंगे। प्रस्तुति की समय सीमा 1 से 10 मिनट निर्धारित की गई है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि गण
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में धरमलाल कौशिक और अनिला देवेंद्र राजपूत उपस्थित रहेंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में चितरेखा मनीष जांगड़े, दीपिका चंद्रशेखर कौशिक, इंदरमती अनिल मरावी, कैलाश सिंह ठाकुर, पोषण यादव, संतोष डहरिया, पूजा अनिश मनु, फुलेश्वरी बसंत यादव, एम.आर. नेताम, गोरेलाल यादव, चित्रसेल वर्मा, डॉ. एस.एस. वर्मा, अशोक जायसवाल, मो. मोहिंदर सिंह वर्मा सहित कई गणमान्य नागरिक शामिल होंगे।
आकर्षक पुरस्कारों के साथ बढ़ेगा उत्साह
प्रतियोगिता में विजेताओं के लिए आकर्षक नगद पुरस्कार और शिल्ड रखे गए हैं —
- प्रथम पुरस्कार ₹5001 – प्रायोजक: श्रीमती पूजा अनिश मनु
- द्वितीय पुरस्कार ₹3001 – प्रायोजक: श्रीमती अनिला देवेंद्र राजपूत
- तृतीय पुरस्कार ₹2501 – प्रायोजक: डॉ. श्री एस.एस. वर्मा
- चतुर्थ पुरस्कार ₹2001 – प्रायोजक: श्रीमती इंदरमती अनिल मरावी
- पंचम पुरस्कार ₹1501 – प्रायोजक: श्री चित्रसेल वर्मा
- षष्ठम् पुरस्कार ₹1001 – प्रायोजक: श्री अशोक जायसवाल
साथ ही, छठवें से दसवें स्थान तक के विजेताओं को श्री मोहिंदर सिंह वर्मा द्वारा शिल्ड से सम्मानित किया जाएगा।
निर्णय प्रक्रिया व नियमावली
निर्णायक मंडल द्वारा कुल 50 अंकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा —
- पारंपरिक वेशभूषा – 10 अंक
- लोकगीत एवं वाद्ययंत्रों का प्रयोग – 10 अंक
- तय ताल – 10 अंक
- दर्शकों पर प्रभाव – 10 अंक
- मंच उपयोग व अनुशासन – 10 अंक
कार्यक्रम में किसी भी प्रकार के अश्लील शब्द या प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। प्रतिभागियों को स्वच्छता और अनुशासन का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है।
पंजीयन की अंतिम तिथि 2 नवम्बर शाम 5 बजे तक रखी गई है।
ग्राम के व्यापारी, सामाजिक संगठन और स्थानीय नागरिक मिलकर इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने की तैयारियों में जुटे हैं।
नारा: “नाचें सकल सकेत, गूँजे छत्तीसगढ़ के गीत”
स्थापना दिवस पर संस्कृति और परंपरा से ओत-प्रोत यह आयोजन छत्तीसगढ़ की लोकधुनों से गांव-गांव में नई ऊर्जा और उत्साह भरने वाला होगा।



