छत्तीसगढ़ की उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव: मंत्री टंकराम वर्मा ने पेश किया 10 सूत्रीय एजेंडा, बस्तर-सरगुजा पर खास फोकस

रायपुर, 16 सितंबर 2025 छत्तीसगढ़ की उच्च शिक्षा को आधुनिक, गुणवत्तापूर्ण और युवाओं के भविष्य के अनुरूप बनाने के लिए ठोस और प्रभावी कार्ययोजनाओं पर अमल किया जाएगा। यह बात उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने नवा रायपुर स्थित इंद्रावती भवन में विभागीय अधिकारियों की बैठक में कही। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उच्च शिक्षा में नवाचार, गुणवत्ता सुधार और राज्य की विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं तैयार की जाएं।
मंत्री वर्मा ने बैठक में स्टेट हायर एजुकेशन प्लान (SHEP), नई शिक्षा नीति (NEP-2020) के प्रभावी क्रियान्वयन, रूसा की प्रिपरेटरी ग्रांट, राज्य उच्चतर शिक्षा योजना अंतर्गत भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य निर्धारण और संस्थागत विकास योजनाओं (IDP) के अनुरूप बजट अनुमान जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने कहा कि बस्तर और सरगुजा जैसे जनजाति बहुल एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के विस्तार और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ‘नियद नेल्ला नार’ जैसे कार्यक्रमों और वन-औषधियों के संरक्षण को भी प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित करने, उच्च शिक्षा के डिजिटाइजेशन, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और साथी, समर्थ, एमओओसी, स्वयं, स्वयं प्रभा जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया गया।
बैठक में स्टार्टअप, इनक्यूबेशन, इंटर्नशिप, पेटेंट और विश्वस्तरीय शोध को प्रोत्साहन देने पर सहमति बनी। अंत में, राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की गुणवत्ता सुधार के लिए नीतिगत निर्णय लेने की रूपरेखा तय की गई।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।