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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने Sahara India Refund के लिए SEBI खाते से 5,000 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश

00भुगतान की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 किया गया00

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को बकाया राशि चुकाने के लिए शुक्रवार को बड़ा आदेश दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमल्या बागची की पीठ ने केंद्र सरकार द्वारा दायर आवेदन को मंजूरी देते हुए कहा कि सेबी-सहारा रिफंड खाते में जमा 5,000 करोड़ रुपये जमाकर्ताओं को भुगतान के लिए जारी किए जाएँ।

सुप्रीम कोर्ट ने डिसंबर 2023 में आवंटित 5,000 करोड़ रुपये की राशि की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2026 कर दी है। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह आदेश 29 मार्च 2023 में पारित आदेश की तर्ज पर ही लागू होगा।

पीठ ने निर्देश दिया कि राशि का हस्तांतरण एक सप्ताह के भीतर पूर्व न्यायाधीश आर. सुभाष रेड्डी की देखरेख में और मार्च 2023 के आदेश के अनुसार किया जाए। केंद्रीय पंजीयक सहकारी समितियों की जांच के बाद वास्तविक जमाकर्ताओं को यह राशि वितरित करेगा।

केंद्र ने बताया कि अब तक करीब 5.43 करोड़ निवेशकों ने कुल 1,13,504.124 करोड़ रुपये का दावा किया है। इनमें से 26,25,090 वास्तविक जमाकर्ताओं को 5,053.01 करोड़ रुपये लौटाए जा चुके हैं। इसके अलावा, 13,34,994 निवेशक अपने दावे दर्ज कर चुके हैं जिनकी जांच जारी है। अनुमान है कि दिसंबर 2026 तक करीब 32 लाख अन्य निवेशक अपने दावे दाखिल कर सकते हैं।

यह मामला अगस्त 2012 से लंबित है, जब सुप्रीम कोर्ट ने Sahara India Real Estate Corporation Ltd और Sahara Housing India Corporation Ltd को निवेशकों का पैसा लौटाने का निर्देश दिया था। तब से ही SEBI-सहारा एस्क्रो खाता बनाया गया और जमाकर्ताओं को लगातार भुगतान किया जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 के आदेश के अनुसार जमाकर्ताओं को राशि वितरण की प्रक्रिया की निगरानी पूर्व न्यायाधीश रेड्डी और ‘न्याय मित्र’ वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल द्वारा कराए जाने के निर्देश दिए हैं।


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Manish Tiwari

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