बिलासा देवी एयरपोर्ट विवाद पर हाईकोर्ट सख्त: चीफ जस्टिस बोले – दे दीजिए स्टेटमेंट कि सरकार कुछ नहीं कर पाएगी, हम पीआईएल खत्म कर देते हैं

बिलासपुर, 26 जुलाई 2025 – छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर के बिलासा देवी एयरपोर्ट के विकास में हो रही देरी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई है। एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग और रनवे विस्तार जैसी बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, “आप स्टेटमेंट दे दीजिए कि सरकार कुछ नहीं कर पाएगी, हम पीआईएल खत्म कर देते हैं। कभी तो जागेगा बिलासपुर का भाग्य।”
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत तस्वीरों को देख कर चीफ जस्टिस भड़क गए। उन्होंने कहा, “क्या दिख रहा है इन तस्वीरों में? एक गाड़ी खड़ी है, पीछे कुछ लोग हैं। काम कहां हो रहा है?” कोर्ट ने अफसरों की बॉडी लैंग्वेज को लेकर भी नाराजगी जताई और कहा, “लगता है जब नई सरकार आएगी, तब शायद बिलासपुर का भाग्य जगेगा।”
कहां अटका है एयरपोर्ट विस्तार का काम?
- नाइट लैंडिंग और रनवे विस्तार: एयरपोर्ट में रात में विमानों की लैंडिंग की सुविधा नहीं है। वर्तमान रनवे छोटा होने के कारण बड़े विमान नहीं उतर सकते। इसके विस्तार के लिए 286 एकड़ अतिरिक्त जमीन की जरूरत है, जो रक्षा मंत्रालय के अधीन है।
- रक्षा मंत्रालय से भूमि विवाद: राज्य सरकार का कहना है कि रक्षा मंत्रालय जमीन के बदले ज्यादा मुआवजे की मांग कर रहा है। जबकि राज्य सरकार चाहती है कि पहले जमीन उसके नाम की जाए, तभी आगे का काम शुरू होगा।
- 2023 में मुआवजा दिया गया: पिछली सरकार ने 90 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर रक्षा मंत्रालय को दिए थे, लेकिन अब तक जमीन हस्तांतरित नहीं हुई है।
- नई सुविधाओं की जरूरत: नाइट लैंडिंग, रनवे विस्तार के साथ कन्वेयर बेल्ट, नया अराइवल-डिपार्चर हॉल जैसी सुविधाएं अब भी अधूरी हैं।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी और कार्रवाई
- कोर्ट ने पूछा कि जब रक्षा मंत्रालय ने अनुमति दे दी थी, तो अब अड़चन कहां है?
- याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि अब मंत्रालय ज्यादा राशि की मांग कर रहा है।
- अदालत ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और रक्षा सचिव को शपथ-पत्र के साथ विस्तृत जवाब देने के निर्देश दिए हैं।
लंबित है दो जनहित याचिकाएं
बता दें कि एयरपोर्ट के विस्तार, 3C से 4C कैटेगरी में अपग्रेड, सीधी महानगरीय उड़ानें, और आधारभूत सुविधाओं के लिए हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर हैं। इनकी लगातार सुनवाई चल रही है, लेकिन अब तक ठोस प्रगति नहीं हुई है।
हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब ढुलमुल रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आने वाली सुनवाई में राज्य और केंद्र सरकारों को स्पष्ट जवाब देना होगा कि बिलासा देवी एयरपोर्ट के भाग्य को जगाने के लिए आखिर कब कदम उठाए जाएंगे।