छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा कदम: शिक्षा व्यवस्था सुधारने ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ का होगा प्रदेशव्यापी क्रियान्वयन

00हर स्कूल में होगी ग्रेडिंग, शालाओं को मिलेंगे मेंटर, जिलों की होगी रैंकिंग00
रायपुर, 23 जुलाई 2025। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की शासकीय स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए एक नई पहल शुरू की है। ‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान’ के अंतर्गत अब प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी स्तर तक की सभी सरकारी शालाओं में समग्र सुधार के प्रयास तेज़ होंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर अभियान के क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। प्रत्येक शाला में समुदाय की भागीदारी से सामाजिक अंकेक्षण करवाया जाएगा, जिसमें बच्चों के सीखने के स्तर का मूल्यांकन कर शालाओं की ग्रेडिंग की जाएगी।
इसके बाद चयनित शालाओं में विधायकों, जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों को दो-दो स्कूल आबंटित किए जाएंगे, जिनकी नियमित मॉनिटरिंग कर शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए सहयोग लिया जाएगा। कलेक्टरों से अपेक्षा की गई है कि वे अपने जिले के जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों की सूची तैयार कर स्कूल शिक्षा विभाग को भेजें।
अभियान के तहत:
- बच्चों में भाषाई और गणितीय कौशल के विकास पर विशेष फोकस रहेगा।
- स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों को साकार किया जाएगा।
- जिलों की शिक्षा रैंकिंग तय की जाएगी, जिससे प्रतिस्पर्धात्मक सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
- विभिन्न विभागों और महाविद्यालयों से मेंटर नियुक्त कर शालाओं को अकादमिक सहयोग दिया जाएगा।
- शिक्षकों को गैर-शिक्षकीय कार्यों से मुक्त रखने पर भी विशेष बल रहेगा।
इसके साथ ही सभी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों को शाला संकुल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो आसपास की शालाओं को मार्गदर्शन और मेंटरिंग उपलब्ध कराएंगे। योजना के तहत सभी शालाओं में आवश्यक संसाधनों की सुलभता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों की योजनाओं का समन्वय भी किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान से न सिर्फ बच्चों की शैक्षणिक उपलब्धियों में सुधार होगा, बल्कि स्कूलों का संपूर्ण कायाकल्प भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।
यह अभियान प्रदेश में शिक्षा को एक नई दिशा देने वाला साबित हो सकता है।