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संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामे की गूंज: 4 दिन में सिर्फ 40 मिनट कामकाज, अदाणी पर राहुल का वार और स्पीकर की अपील बेअसर

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत 25 नवंबर को हुई, लेकिन सत्र के पहले चार दिन में कार्यवाही केवल 40 मिनट चल पाई। हर दिन औसतन 10 मिनट का कामकाज हुआ। विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों में कोई ठोस चर्चा नहीं हो पाई।

विपक्ष ने संसद में अदाणी समूह और संभल मुद्दों को जोर-शोर से उठाया। इस दौरान विपक्षी सांसदों के हंगामे ने सदन की कार्यवाही को बाधित किया। स्पीकर ओम बिरला ने बार-बार सांसदों को शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा।

शुक्रवार को स्पीकर बिरला ने कहा, “सहमति-असहमति लोकतंत्र की ताकत है। देश की जनता संसद के बारे में चिंता व्यक्त कर रही है। यह सदन सबका है और देश चाहता है कि संसद चले।” इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही 2 दिसंबर, सोमवार तक स्थगित कर दी गई।

राहुल गांधी का बड़ा आरोप

बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अदाणी समूह पर अमेरिका में 2,000 करोड़ रुपए की रिश्वत देने का आरोप है। राहुल ने कहा, “अदाणी को जेल में होना चाहिए, लेकिन मोदी सरकार उन्हें बचा रही है।”

सरकार और विपक्ष के बीच टकराव

शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही सरकार और विपक्ष के बीच टकराव गहराता जा रहा है। अदाणी मुद्दे पर विपक्ष सरकार से सीधी चर्चा की मांग कर रहा है, जबकि सरकार ने विपक्ष पर अनावश्यक बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है।

अब देखना यह होगा कि 2 दिसंबर से शुरू होने वाली कार्यवाही में कोई ठोस प्रगति हो पाती है या नहीं।

Manish Tiwari

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